पांचवे चरण के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1020 पहुंच गई है। ऐसा उत्साहजनक आंकड़ा अब तक के सभी पुराने चार एनएफएचएस रिपोर्ट में कभी नहीं दर्ज किया गया. इसके बावजूद यह उत्साह का विषय नहीं है क्योंकि लिंगानुपात के मुद्दे पर काम करने वाले एक्सपर्ट यह मानते हैं कि एनएफएचएस के आंकड़ों से लिंगानपुात की सही तस्वीर नहीं पेश की जा सकती. सर्वेक्षण रिपोर्ट में स्वयं आगाह किया गया है कि कई मामलों में कुछ राज्यों और संघ शासित प्रदेश के नमूनों का आकार बहुत ही छोटा है, ऐसे में इसकी व्याख्या और तुलना में सतर्कता बरतनी चाहिए. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।