बिहार नवजात शिशुओं को सुरक्षित रखने में तो सफल हुआ है, किंतु उनके पोषण के मामले में अभी भी काफी पीछे है. राज्य में शिशु मृत्युदर (आईएमआर) प्रति हजार 29 है तो दूसरी ओर यहां के 41 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं.बिहार में शिशु मृत्युदर के मामलों में बीते दस सालों में 23 अंकों की कमी आई है. सैम्पल रजिस्ट्रेशन सर्वे की एक रिपोर्ट के अनुसार अब यह आंकड़ा 2009 के 52 से घटकर 2019 में प्रति हजार 29 पर आ गया है. किंतु कुपोषण के मामले में स्थिति भयावह है. देशभर में कुपोषित बच्चों की संख्या महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात में सर्वाधिक है. बिहार में पांच साल से कम उम्र के 41 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।