भारत में पत्रकारों को फर्जी मामलों में गिरफ्तारी से लेकर हत्या तक कई तरह की हिंसा झेलनी पड़ी है जिस कारण भारत में पत्रकारिता एक खतरनाक पेशा बन गया है. न्यू यॉर्क स्थित पोलीस प्रोजेक्ट ने यह निष्कर्ण एक विस्तृत अध्ययन के बाद निकाला है. इस अध्ययन में पिछले मई 2019 से लेकर इस साल अगस्त तक की घटनाओं को शामिल किया गया है. पोलीस प्रोजेक्ट ने अलग-अलग विषयों की कवरेज के दौरान हुईं घटनाओं को जमा किया है. इसके मुताबिक जम्मू कश्मीर में 51, सीएए कानून के विरोध प्रदर्शनों के दौरान 26, दिल्ली दंगों के दौरान 19 और कोविड मामलों की कवरेज के दौरान 46 घटनाएं हुईं. किसान आंदोलन के दौरान पत्रकारों के खिलाफ हिंसा की अब तक 10 घटनाएं हो चुकी हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।