भारत में वर्ष 2020 में आत्महत्या के 1,53,052 मामले यानी रोजाना औसतन 418 मामले दर्ज किए गए. इनमें से 10,677 मामले कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के हैं. कोरोना महामारी के बीच साल 2020 में दिहाड़ी मजदूरों द्वारा सबसे ज्यादा आत्महत्या की गई है. केंद्र सरकार के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान 37,666 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या किया, जो कि कुल आंकड़े का 24.6 फीसदी है और यह किसी भी वर्ग द्वारा आत्महत्या करने का सर्वाधिक आंकड़ा है. मालूम हो कि यह वही समय था जब कोरोना महामारी के चलते देशभर में कठोर लॉकडाउन लगाया गया था और इसके कारण करोड़ों प्रवासी अपने गांवों की ओर लौटने को मजबूर हुए थे.