जल जंगल जमीन बचाने के लिए छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से आदिवासियों ने कमर कस ली है. अपनी बातों को राज्य और केंद्र सरकार के पहुंचाने के लिए, सीमित संसाधन होने के बावजूद खदान प्रभावितों ने 300 किलोमीटर तक का पैदल यात्रा करने की ठानी है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।