एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि स्वतंत्रता के 70 साल बाद भी बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए विभिन्न कानूनों और योजनाओं के बावजूद बाल मजदूरी और बच्चों की तस्करी का जारी रहना राज्य की मशीनरी पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है. इसके साथ ही सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों से संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि और बाल एवं किशोर श्रम संशोधन कानून, 2016 के प्रावधानों के अनुपालन में उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट मांगी है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।