देश के केवल आठ राज्यों ने ही अपने सभी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा सुनिश्चित की है तथा मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्य इस अभियान में बहुत पीछे हैं. संसद में हाल ही में पेश एक स्थायी संसदीय समिति की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. संसदीय समिति ने इस स्थिति को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय से 2021-22 के अंत तक हर शैक्षणिक संस्थान में नल से जल मिशन के तहत पाइप के जरिये सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की सिफारिश की है.