महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत इच्छुक लोगों को रोजगार मुहैया कराने में बिहार की सरकार नाकाम साबित हुई है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में भूमिहीन मजदूरों की संख्या 88.61 लाख है लेकिन रोजगार मांगने के इच्छुक 90 हजार लोगों में 3.34% का ही जॉब कार्ड है. इनमें भी केवल 1% लोगों को ही 100 दिनों तक काम मिला.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।