चार साल में 4,11,810 मीट्रिक टन गेहूं और चावल रास्ते में गायब हो गया. अगर यह बच जाता तो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 8.23 करोड़ लोगों को एक माह का अन्न दिया जा सकता था. इस योजना के तहत 5 किलो अन्न गरीबों को दिया जा रहा है. 10 अगस्त को संसद में पेश खाद्य, उपभोक्ता मामलों और सार्वजनिक वितरण पर स्थायी समिति की रिपोर्ट में ये चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. समिति की यह रिपोर्ट भारतीय खाद्य निगम द्वारा खरीद, संग्रहण और वितरण पर आधारित है. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।