कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में डॉक्टरों से मारपीट के बाद बंगाल से शुरू हुई डॉक्टरों की हड़ताल में, शुक्रवार को देश भर के डॉक्टरों ने भी हिस्सा लिया। डॉक्टरों के शामिल हो जाने से मरीजों की जान पर बन आई है। हड़ताल को पूरे देश के डॉक्टर्स का समर्थन मिल रहा है। आज उनका साथ देने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्यमंत्री हर्षवर्द्धन से भी मिला। और इस मामले में उनसे हस्तक्षेप की मांग की। वहीं एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बंगाल सरकार से यह मांग की है कि वे हड़ताली डॉक्टरों की मांगों को 48 घंटे के अंदर पूरा करें, अन्यथा वे एम्स में अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। जूनियर डॉक्टर एक रोगी के परिजन द्वारा चिकित्सक से मारपीट के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत डॉक्टरों के प्रति एकजुटता जताते हुये शुक्रवार से चार दिन के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के प्रति हिंसा को रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने का आग्रह भी किया है।इस आंदोलन में डॉक्टर काले रंग के बिल्ले लगायेंगे और धरना देने के अलावा शांति मार्च निकालेंगे।आईएमए ने 17 जून सोमवार को गैर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं को बंद करने वाली हड़ताल का भी आह्वान किया है। क्या इस देशव्यापी हड़ताल से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है...? क्या आपके क्षेत्र में भी इस आंदोलन का असर दिख रहा है...? इस आंदोलन के कारण मरीजों को जो असुविधायें और नुकसान हो रहा है ,उसके लिए कौन जिम्मेदार है...? अपने विचार और अनुभव हमारे साथ साझा करें अपने मोबाइल में नम्बर 3 दबा कर ।