पंजाब के कई किसानों को बैंकों की शिकायत पर गिरफ्तार किया जा रहा है. बैंकों ने किसानों के चेक बाउंस होने की वजह से उनके खिलाफ मामले दर्ज कराए हैं. इसके चलते बड़ी संख्या में किसानों को अदालती कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. कइयों को दोषी करार देकर जेल भेज दिया गया है. बैंक ऐसा उन ब्लैंक चेकों के आधार पर कर रहे हैं, जिन पर कर्ज लेते समय किसानों से साइन कराए गए थे. इस मामले में किसानों का कहना है कि उन्हें चेकों पर साइन करने के लिए मजबूर किया गया. भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि पहले किसान व बैंकों के मामले नागरिक प्रक्रिया के तहत सुलझा लिए जाते हैं. लेकिन अब सरकार व कोऑपरेटिव बैंक लगातार किसानों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करा रहे हैं. इस घटना से सरकार के कर्जमाफ किए जाने के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. बैंक अपने इस रवैए कि लिए सरकार को ही दोषी बता रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार कर्जमाफी कर रही है और जमीन भी कुर्क करने की इजाजत नहीं है. साथ ही किसानों को और कर्ज देने का दवाब भी बन रहा है. यदि यह क्रम चलता रहा तो बैंक दिवालिया हो जाएंगे.