जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ आतंकवादी हमले की पूरी दुनिया में निंदा की जा रही है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि आतंकवादियों की इस हरकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यह एक जघन्य अपराध है और इस घटना को अंजाम देने वालों को सजा मिलनी ही चाहिए. वहीं दूसरी ओर अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इस हमले की आलोचना करे हुए कहा कि हम आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है. भले ही पूरी दुनिया इस आंतकी वारदात की निंदा कर रही हो लेकिन सवाल यह है कि जब भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जैश-ए-मुहम्मद को प्रतिबंधित सूची में डालने की अपील करता है तो सुरक्षा परिषद के निर्देशों का हवाला देकर बात टाल दी जाती है. गौरतलब है कि भारत कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में यह स्पष्ट कर चुका है कि जैश-ए-मुहम्मद खतरनाक आतंकी संगठन है, जो जम्मू कश्मीर की जमीन को अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है.