सरकार सरकारी स्कूलों को संवारने और सुविधायुक्त बनाने के चाहे जितने वायदे कर ले, लेकिन हकीकत यह है कि देश के 38 हजार स्कूल ऐसे हैं जहां टॉयलेट की सुविधा तक नहीं है. इस बात का खुलासा लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में हुआ है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से पेश 2016-17 के आंकड़ों के अनुसार 43 हजार स्कूलों में पेयजल सुविधा नहीं है. देश में जिन 37956 स्कूलों में बालिकाओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है, उनमें असम में सबसे अधिक 11839 स्कूल शामिल हैं. पेयजल सुविधा विहीन स्कूलों में आंध्र प्रदेश के 3177, बिहार के 4270, जम्मू-कश्मीर के 2158, मध्य प्रदेश के 5529, झारखंड के 1840, मेघालय के 5208, राजस्थान के 2627, उत्तर प्रदेश के 3368 और पश्चिम बंगाल के 1520 स्कूल शामिल हैं.