सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि किसी तरह भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाई जा सके लेकिन भ्रामक विज्ञापनों के जाल में फंसने वाले लोगों की तादाद दिन पर दिन बढती जा रही है. बीते चार साल में भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सरकार को मिली शिकायतों में 15 गुणा इजाफा हुआ है. उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार, पिछले चार साल में भ्रामक विज्ञापनों की शिकायत के लिए बनाए गए ग्रीवेंस अगेंस्ट मिसलीडिंग एड्वर्टाइजमेंट पोर्टल पर 9,658 शिकायतें दर्ज की गई हैं.आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी विभाग से संबंधित मामले सबसे ज्यादा हैं. सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सभी प्रसारणकर्ताओं को सलाह दी है कि वे ऐसे संदेशों का प्रसारण नहीं करें, जिनसे दर्शक भ्रामक और आपत्तिजनक विज्ञापनों की शिकायत करने के लिए प्रेरित हो.