बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के नूरसराय प्रखंड के शेरपुर ग्राम से शम्भू प्रसाद ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि नल जल योजना के तहत लगा पाइप जगह जगह फटा हुआ है। शिकायत के बाद भी इसका निवारण नहीं हो रहा है।

बिहार राज्य के जिला नालंदा के नगरनौसा प्रखंड से सोभा देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अस्मिता कुमारी से हुई। अस्मिता कुमारी यह बताना चाहती है कि पानी को गर्म करके पीना चाहिए। टंकी से पानी निकाल कर थोड़ा देर रुक कर पीना चाहिए। ताकि गन्दगी निचे बैठ जाए । पानी को छान कर ही पीना चाहिए। ज्यादा ठंडा और गर्म पानी नहीं पीना चाहिए। बरसात के मौसम में मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के नूरसराय प्रखंड से शम्भू प्रसाद ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि नल जल योजना ध्वस्त निकला। धरातल पर योजना का लाभ नहीं पहुँचा। जगह जगह पाइप फटा हुआ है जिससे अशुद्ध जल पीने को लोग विवश है। इसीलिए पानी उबाल कर पिये। लोगों की ही गलती के कारण पर्यावरण बिगड़ा है। वन पशु भटक रहे है और लोगों पर हमला कर रहे है। गर्मी हो या बरसात का मौसम ,लोगों को अपना बचाव खुद करना चाहिए।

इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?

बिहार राज्य के नालंदा जिला के नगरनौसा प्रखंड के कछियांवां प्रखंड से शोभा देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रोहित कुमार से बातचीत किया। बातचीत के दौरान रोहित ने बताया कि जल में अवांछनीय गैसीय पदार्थ या ठोस पदार्थों का मिलना ही जल प्रदूषण कहलाता है। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर

बिहार राज्य के जिला नालंदा से सोभा देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से नीरज से हुई। नीरज यह बताना चाहते है कि पहले बहुत गर्मी लगता था। कई लोग बीमार हो जाते थे। अभी अचानक बारिश होने से लोगों की तबियत ख़राब हो रही है। मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए। पानी को गर्म करके पीना चाहिए। साफ़ - सफाई रखना चाहिए क्योंकि पानी के कारण ही मच्छर पैदा होते है।

बिहार राज्य के जिला नालंदा के नगरनौसा प्रखंड से सोभा देवी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि पानी हमारे लिए बहुत जरूरी है। पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए। पानी को बचाना चाहिए। पानी के नहीं रहने पर लोगों को बहुत परेशानी होती है। पानी के लिए लोगों को चापाकल में लाइन लगाना पड़ता है। वह पानी बहुत मुश्किल से लाकर काम करती है।

इस कार्यक्रम में हम जानेंगे जल संरक्षण और ऊर्जा बचत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में। साथ ही, यह कार्यक्रम बताएगा कि आप इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और अपने गाँव के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ पानी और सतत ऊर्जा के महत्व को समझते हुए, हम एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएंगे। क्या जल सरंक्षण की योजनाओं के बारे में आपने भी सुना है, क्या आप इन योजनाओं का लाभ आपने भी उठाया है, क्या आपके गाँव में जल सरंक्षण की कोई प्रेरणादायी कहानी है ?

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के नगरनौसा प्रखंड से शोभा देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अस्मिता कुमारी से हुई ।ये कहती है कि जल का उचित उपयोग करना चाहिए। साफ़ पानी पीना चाहिए