बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के नगरनौसा प्रखंड से दीपा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि लैंगिक हिंसा में लोगों के बीच भेदभाव किया जाता है । समाज में आज भी भेदभाव प्रबल है। गरीबों ,महिलाओं के साथ भेदभाव होते रहता है। आज भी समाज में सुधार लाने की ज़रुरत है। लोगों की सोच में बदलाव लाना ज़रूरी है
महिलाओं को अक्सर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी जैसे क्षेत्रों में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। यह भेदभाव उन्हें अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने से रोकता है। महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, दहेज हत्या और बाल विवाह जैसी हिंसा लैंगिक असमानता का एक भयानक रूप है। यह हिंसा महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाती है और उन्हें डर और असुरक्षा में जीने के लिए मजबूर करती है। लैंगिक असमानता गरीबी और असमानता को बढ़ावा देती है, क्योंकि महिलाएं अक्सर कम वेतन वाली नौकरियों में काम करती हैं और उन्हें भूमि और संपत्ति जैसे संसाधनों तक कम पहुंच होती है। दोस्तों, आप हमें बताइए कि *-----लैंगिक असमानता के मुख्य कारण क्या हैं? *-----आपके अनुसार से लैंगिक समानता को मिटाने के लिए भविष्य में क्या-क्या तरीके अपनाएँ जा सकते हैं? *-----साथ ही, लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए हम व्यक्तिगत रूप से क्या प्रयास कर सकते हैं?
बिहार राज्य के नालंदा से शम्भू प्रसाद ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि समाज बहुत बदला है लेकिन अब भी महिलाओं का उनके नाम से पहचान नहीं है । 20 से 25 प्रतिशत लोग ही ऐसा करते है। लोगों ,खास कर पुरुषों को जागरूक होना पड़ेगा कि महिलाओं को उनके नाम से पहचान मिले
दोस्तों, हमारे यह 2 तरह के देश बसते है। एक शहर , जिसे हम इंडिया कहते है और दूसरा ग्रामीण जो भारत है और इसी भारत में देश की लगभग आधी से ज्यादा आबादी रहती है। और उस आबादी में आज भी हम महिला को नाम से नहीं जानते। कोई महिला पिंटू की माँ है , कोई मनोज की पत्नी, कोई फलाने घर की बड़ी या छोटी बहु है , कोई संजय की बहन, तो कोई फलाने गाँव वाली, जहाँ उन्हें उनके मायके के गाँव के नाम से जाना जाता है। हम महिलाओ को आज भी ऐसे ही पुकारते है और अपने आप को समाज में मॉडर्न दिखने की रीती का निर्वाह कर लेते है। समाज में महिलाओं की पहचान का महत्व और उनकी स्थिति को समझने की आवश्यकता के बावजूद, यह बहुत दुःख कि बात है आधुनिक समय में भी महिलाओं की पहचान गुम हो रही है। तो दोस्तों, आप हमें बताइए कि *-----आप इस मसले को लेकर क्या सोचते है ? *-----आपके अनुसार से औरतों को आगे लाने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है *-----साथ ही, आप औरतों को किस नाम से जानते है ?
साल 2013-2017 के बीच विश्व में लिंग चयन के कारण 142 मिलियन लड़कियां गायब हुई जिनमें से लगभग 4.6 करोड़ लड़कियां भारत में लापता हैं। भारत में पांच साल से कम उम्र की हर नौ में से एक लड़की की मृत्यु होती है जो कि सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट में एक अध्ययन को आधार बनाते हुए भारत के संदर्भ में यह जानकारी दी गई कि प्रति 1000 लड़कियों पर 13.5 प्रति लड़कियों की मौत प्रसव से पहले ही हो गई। इस रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए सभी आंकड़े तो इस बात का प्रमाण है कि नई-नई तकनीकें, तकनीकों में उन्नति और देश की प्रति व्यक्ति आय भी सामाजिक हालातों को नहीं सुधार पा रही हैं । लड़कियों के गायब होने की संख्या, जन्म से पहले उनकी मृत्यु भी कन्या भ्रूण हत्या के साफ संकेत दे रही है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? *----- शिक्षित और विकसित होने के बाद भी भ्रूण हत्या क्यों हो रही है ? *----- और इस लोकसभा चुनाव में महिलाओ से जुड़े मुद्दे , क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ??
बिहार राज्य के नालंदा जिला से शम्भू शरण प्रसाद ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्होंने मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम राजीव की डायरी सुना। उन्होंने कहा कि जो समाज देवियों की पूजा करता है, वही समझ भ्रूण हत्या हत्या करता है तो यह बहुत बड़ी संकट है। औरत के बिना समाज अधूरा है, समाज औरतों से ही आगे बढ़ता है
बिहार राज्य के नालंदा जिले से रिंकू कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है की लड़की के जन्म लेने पर कुछ लोग को शादी व्याह का चिंता शताने लगता है जिस कारन लोग गर्भ निरोधक उपयोग करते हैं अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुनें
बिहार राज्य के नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड से रिंकू कुमारी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि भ्रूण हत्या छोटी सोच का परिणाम है। बेटी किसी बेटा से कम नही होती है। हमारे देश की भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी भी बेटी थी
बिहार राज्य के नालंदा जिला के नगरनौसा प्रखंड से रिंकू कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्हें राजीव की डायरी कार्यक्रम सुन कर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने बताया कि भ्रूण हत्या अपराध तो है ही साथ ही गर्भपात करवाने से महिलाएं बहुत कमज़ोर भी हो जाती है।
बिहार राज्य के जिला नालन्दा से रिंकू कुमारी , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई , श्रोता बताती है कि सभी लोग प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने के लिए सक्षम नहीं है। सरकारी स्कूल का होना बहुत जरूरी है। किसान और गरीब लोग प्राइवेट में अपने बच्चों को नहीं पढ़ा सकते है। सरकार से सभी तरह की सुविधा लोगों को मिल रहा है।