नमस्कार/ आदाब दोस्तों, मानवाधिकार अपने आप में एक विस्तृत शब्द है। मानवाधिकार में मानव समुदाय को मिलने वाले हर तरह के अधिकार समाहित है। यह अधिकार हर इंसान को विरासत में मिलते हैं, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, लिंग या भाषा से संबंधित हो। मानवाधिकार यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं कि सभी मनुष्यों के साथ समान व्यवहार किया जाए।लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण हमें समय समय पर मानव अधिकारों का उल्लंघन देखने को मिलता है। मानव अधिकारों का उल्लंघन के खिलाफ एक जुट होकर आवाज बुलंद करने एवं मानव अधिकारों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से 10 दिसम्बर 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा अंगीकार की गई और 10 दिसम्बर 1950 को पहली बार मानवाधिकार दिवस मनाई गई. तब से लेकर हर वर्ष 10 दिसम्बर को यह दिवस मनाया जाता है। हर वर्ष मानवाधिकार दिवस के लिए एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है और इस वर्ष यानि 2024 का थीम है 'हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी'. इसका मतलब है कि हमें अपने दैनिक जीवन में मानवाधिकारों के महत्व को स्वीकार करना चाहिए. तो साथियों, आइये हम सब अपने अधिकारों को पहचानें और एक जूट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करें। आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी परिवार के ओर से मानवाधिकार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!
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बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मुस्कान से हुई। मुस्कान कहती है कि महिलाओं के पास जमीन होना चाहिए इससे वो रोजगार कर सकती है
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मुस्कान से हुई। मुस्कान कहती है कि जीविका के लिए लोग प्राकृतिक संसाधन पर निर्भर करता है। उसमे आधा से ज्यादा आबादी महिलाओं का है। जमीन का अधिकार महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाता है। महिलाऐं जमीन में खेती कर सकती है
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मुस्कान से हुई। मुस्कान कहती है कि ये मोबाइल वाणी का कार्यक्रम अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुना और इससे जानकारी मिला की महिलाओं को अपने हक़ के लिए आवाज़ उठानी चाहिए। और महिलाओं को शिक्षित भी होना चाहिए
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बिहार राज्य के नालंदा जिला के हिलसा प्रखंड से आकांशा कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कोमल कुमारी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान कोमल ने बताया कि महिलाओं को शिक्षित होना जरूरी है। महिलाएं शिक्षित हो कर सामाजिक चक्र को तोड़ सकती हैं, साथ ही महिलाएं रोजगार से भी जुड़ सकती हैं
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से उर्मिला देवी से हुई। उर्मिला कहती है कि इन्होने अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुना ,इनके पति भी कार्यक्रम सुनते है। इसके बाद इन्होने और इनके पति ने यह फैसला लिया कि ये अपनी बेटी के नाम दो कट्ठा जमीन कर देंगे ताकि भविष्य में बेटी को कोई समस्या न हो
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से उर्मिला देवी से हुई। उर्मिला कहती है कि अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुने ,इससे यह जानकारी मिली की महिलाओं को अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाना चाहिए और महिलाओं को शिक्षित होना ज़रूरी है
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से कुमारी आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से छोटी से हुई। छोटी कहती है कि महिलाओं को अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाना चाहिए। जितना पुरुषों को हक़ है। उतना महिलाओं को भी जमीन में हक़ है