इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?
बिहार राज्य के नालंदा जिला के नगरनौसा प्रखंड के कछियांवां प्रखंड से शोभा देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रोहित कुमार से बातचीत किया। बातचीत के दौरान रोहित ने बताया कि जल में अवांछनीय गैसीय पदार्थ या ठोस पदार्थों का मिलना ही जल प्रदूषण कहलाता है। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर
बिहार राज्य के जिला नालंदा से शम्भू प्रसाद , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि हर जगह पानी की समस्या हो रही है। सरकार की नल जल योजना के कारण लोगों को पानी मिला है। लेकिन कई जगह पानी का पाइप फटने के कारण पानी दूषित हो रहे है। लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है। स्कूलों में भी जल की समस्या के कारण बच्चे बीमार पड़ रहे है।
बिहार राज्य के जिला नालन्दा से शम्भू प्रसाद , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि हर जगह बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे है। कई बच्चे कुपोषण के कारण मर जाते है। प्रत्येक वार्ड और पंचायत नल जल योजना चलाई गई। सभी जगह का पाइप फट जाने के कारण लोग और बच्चे दूषित पानी पीने को मजबूर है। पाइप में नाली का गन्दा पानी नल में जाने लगा है।
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के नूरसराय ज़िला से शम्भू प्रसाद ,मोबाइल वाणी के माध्यम से स्कूल में नल जल योजना के तहत सही से नहीं हुआ। या तो पानी पाइप स्कूल तक गया ही नहीं या बीच में पाइप फट जाने से बच्चे गन्दा पानी पी रहे है। वार्ड पांच में नल जल योजना के तहत पानी का पाइप फट गया है ,जिससे लोगों को गन्दा पानी मिल रहा है। शिकायत करने पर कार्यवाही नहीं की गई
बिहार राज्य के नालंदा जिला के नगरनौसा प्रखंड से डॉ. शंभूशन प्रसाद ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि प्रदूषित वातावरण कारण ही कहीं आस-पास अच्छी बारिश होती है और कहीं बारिश बिल्कुल नहीं होती है। सड़क निर्माण के कारण पेड़ों की कटाई कर दी जाती है जिससे वन क्षेत्र में कमी आती है। जब तक ऐसा होता रहेगा यह वातावरण नहीं बदलेगा। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम दस से बीस पेड़ लगाने चाहिए।
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के नूरसराय से शम्भू प्रसाद ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बेमौसम की स्थिति जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है। आज के समय में प्रदुषण बहुत फ़ैल रहा है ,विकास के नाम पर गाड़ियाँ ,पेड़ों की कटाई हो रही है। जब तक लोग अपना जीवन स्तर को ठीक नहीं करेंगे तो समस्या बने रहेगी
साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?
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