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बिहार राज्य के नालंदा ज़िला से शिला कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कुंदन कुमार से हुई। कुंदन कहते है कि बदलता मौसम में बच्चों को अच्छे से रखना चाहिए ,ठण्ड में बच्चों को घर में ही रखे ,ठंडा लगने पर गर्म और अच्छा खाना दें।
जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3
नमस्कार मैं शीला कुमारी , ग्राम प्रथिरौरा , पोस्ट दोइया से बात कर रही हूँ और नूरसराय प्रखंड से , और मैं माहमारी से जुडी बातें के बारे में बताना चाहती हूँ। माहमारी एक बहुत ही अधिक नाम जाना जाता है जो की लड़कियों को होता है। चौदह या पंद्रह वर्ष में आरम्भ हो जाता है और पैंतालीस वर्ष तक यह रहता है। उसमे गर्भ धारण यह पीठ पीड़ा यह सब होते ही रहती है , क्योंकि माहमारी एक ऐसी चीज़ है जो की लड़कियों को बहुत परेशान कर रखता है। कम उम्र में हो जाना, माहमारी के टाइम में चिलाना या और कुछ बातें होते है। यह सब माहमारी में आते है। जैसे की महिलाओं या लड़कियों में ये सब बातें होते है। उसे माहमारी कहते है।
मध्यप्रदेश राज्य से राजीव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानकारी चाहते है कि सेक्स करते वक़्त जल्दी वीर्य क्यों निकल जाता है
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से इंदिरा देवी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानकारी चाहती है कि उनके पैरों के जोड़ों में दर्द होता है। यह जोड़ों का दर्द क्यों होता है ?
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एड्स इस नाम से हम सभी भली भांति परिचित हैं इसका पूरा नाम है 'एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम ' यह एक तरह का वायरस है जिसे एचआईवी के नाम से भी जाना जाता है।यह एक जानलेवा बीमारी है लेकिन आज भी लोगों में एड्स को लेकर सतर्कता नहीं है।साथ ही इसे समाज में भेदभाव की भावना से देखा जाता है। एड्स के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। दोस्तों , हम सभी को एड्स को लेकर सतर्क रहना है ,साथ ही लोगों में सर्तकता लाने की भी ज़रुरत है।साथियों, एड्स का उपचार भेदभाव नहीं बल्कि प्यार है। आइये हम सभी मिलकर विश्व एड्स दिवस मनाए और लोगों में एड्स के प्रति अलख जगाए। सतर्क रहें,सुरक्षित रहें