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सरकार हर बार लड़कियों को शिक्षा में प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं लाती है, लेकिन सच्चाई यही है कि इन योजनाओं से बड़ी संख्या में लड़कियां दूर रह जाती हैं। कई बार लड़कियाँ इस प्रोत्साहन से स्कूल की दहलीज़ तक तो पहुंच जाती है लेकिन पढ़ाई पूरी कर पाना उनके लिए किसी जंग से कम नहीं होती क्योंकि लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और पढ़ाई करने के लिए खुद अपनी ज़िम्मेदारी लेनी पड़ती है। लड़कियों के सपनों के बीच बहुत सारी मुश्किलें है जो सामाजिक- सांस्कृतिक ,आर्थिक एवं अन्य कारकों से बहुत गहरे से जुड़ा हुआ हैं . लेकिन जब हम गाँव की लड़कियों और साथ ही, जब जातिगत विश्लेषण करेंगें तो ग्रामीण क्षेत्रों की दलित-मज़दूर परिवारों से आने वाली लड़कियों की भागीदारी न के बराबर पाएंगे। तब तक आप हमें बताइए कि * -------आपके गाँव में या समाज में लड़कियों की शिक्षा की स्थिति क्या है ? * -------क्या सच में हमारे देश की लड़कियाँ पढ़ाई के मामले में आजाद है या अभी भी आजादी लेने की होड़ बाकी है ? * -------साथ ही लड़कियाँ को आगे पढ़ाने और उन्हें बढ़ाने को लेकर हमे किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ?
बिहार राज्य के नालंदा जिला के नगरनौसा प्रखंड से रिंकू कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मेरी आवाज मेरी पहचान पर कार्यक्रम सुना जिसमे लड़कियों के छेड़ छाड़ के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए इसके बारे में बताती हैं कि आवाज़ उठाने पर पुलिस भी लड़कियों का मजाक उड़ाते हैं और लड़कियों की सहायता नहीं करते हैं
बिहार राज्य के जिला नालंदा के प्रखंड कराइपरसुराई से सयुंक्ता देवी ने लड़की की शादी की उम्र के विषय पर पर पिंकी देवी से साक्षात्कार लिया। पिंकी देवी ने बताया लड़की की शादी कम उम्र में ही कर देनी चाहिए। क्यों की गरीब आदमी के बच्चे ज्यादा होते है तो खर्च नहीं उठा पाते है
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बिहार राज्य के नालंदा जिला के कोरियावां से राधा देवी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया है कि उनके पास कॉलोनी नहीं है और वे बहुत गरीब हैं तो उनको कॉलोनी कैसे मिलेगी उसकी जानकारी दी जाए।
बिहार राज्य के नालंदा जिला के चंडी प्रखंड के माधोपुर गाँव से मीना कुमारी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से ग्रामसंगठन आठ सूत्रों की जानकारी दी है। मीना कुमारी ने बताया कि इसमें सबसे पहले अत्यन्त गरीब परिवार को जोड़ना ,उनके मांग के अनुसार ऋण वापसी करवाना ,समूह से मांग के अनुसार ग्राम संगठन में ऋण की वापसी करना ,ऋण वितरण में आदिवासी ,जनजाति को प्राथमिकता देना। ग्राम संगठन का प्राप्त निधि का समुचित उपयोग करना ,जीविकोपार्जन में आदिवासी ,जनजाति परिवार को प्राथमिकता देना शामिल हैं।
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