बिहार राज्य के नालंदा के नगरनौसा से शम्भू प्रसाद ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बच्चों का गुस्से में बहुत प्रभाव पड़ता है। बच्चो पर गुस्सा करने से उनके मन में यह लग जाएगा की उन्होंने डांट सुना। इसलिए अगर खेल खेल में बच्चे से गलती होती है तो उन्हें प्यार से समझना चाहिए। ऐसे समय में बच्चे अच्छे से सीखेंगे। अगर खेल में सामान टूट गया और उनपर गुस्सा करने से बच्चों में झिझक होगी और आगे भी गलती करने पर झूठ बोलेंगे। इसीलिए प्यार के ही भाषा से बच्चों को समझना चाहिए। शम्भू ने कभी अपने बच्चों को डाँटा नहीं ,हर गलती होने पर माफ़ कर देते है या समझते है। उनके बच्चों की बौद्धिक विकास अच्छी हुई है