बिहार राज्य के नालंदा जिला के नगरनौसा प्रखंड से रिंकू कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि मिड डे मील योजना सरकार द्वारा चलायी गयी एक अच्छी योजना है। मिड डे मील योजना के कारण भी बच्चे स्कूल पढ़ने जा रहे है। स्कूल में बच्चों को ताजा भोजन दिया जायेगा परन्तु स्कूल में रोटी की व्यवस्था नहीं की गयी है केवल दाल चावल चोखा की ही व्यवस्था है। ज्यादा चलावल खाना शरीर के लिए हानिकारक है क्यूंकि इससे शुगर की बीमारी होती है। विद्यालय में जो रसोईयां होती हैं उन्हें रोटी की भी सामग्री मुहैया करानी चाहिए। रसोईयां के लिए रोटी की तुलना में दाल चावल या खिचड़ी बनाना ज्यादा आसान होता है। इसके साथ ही साथ उन्होंने बताया कि विद्यालय में मिड डे मील योजना की व्यवस्था तो कर दी गयी है परन्तु शिक्षकों की बहाली भी जरुरी है जो अच्छे से पढ़ा सकें।