सुनीता देवी ग्रामवाणी के माध्यम से बताती हैं कि लड़की के परिवार वालों को लड़की को दहेज देने की जगह उसी पैसे से उसकी शिक्षा अच्छी कराई जाए. या फिर दहेज के पैसे से लड़की को रोजगार कराइये. इससे लड़की अपने पैरों पर खड़ी हो जाएगी. साथ ही वह आत्मनिर्भर बन सकेगी.