भारत का राष्ट्र गान जन गण मन कवि और नाटककार रविंद्रनाथ टैगोर के लेखन से लिया गया है भारत के राष्ट्र गान की पंक्तिया रविंद्रनाथ टैगोर के गीत भारती भाग्य विधाता से ली गई हैं मूल गाना बंगाली में लिखा गया था और पूरे गाने में 5 छंद हैं यह पहली बार 1905 में तत्व बोधिनी पत्रिका के एक अंक में प्रकाशित हुआ था इस गीत को सार्वजनिक रूप से पहली बार 27दिसंबर 1911 में कलकत्ता में भारतीय राष्टीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था और टैगोर ने इसे खुद गाया था टैगोर ने आपनी बंगाली गीत एक अंग्रेजी व्याख्या 28 फरवरी 1919को लिखी और इसका शीर्षक द मॉर्निग सॉन्ग ऑफ इंडिया रखा अंग्रेजी व्याख्या लिखने का अनुरोध मदनपल्ली के बेसेंट थियोसोफिकल कॉलेज के डॉक्टर कोसेंस ने तब किया था जब टैगोर मदनपाल्ली में कुछ दिन बिताने गए थे पूरे गाने के धीमी धुन और इसके राग अल्हैया बिलावल का श्रेय रविंद्रनाथ टैगोर को ही दिया गया l