Election:देश की राजनीति की दिशा तथा दशा तय करने वाले उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार चुनने की तैयारी का बिगुल बज गया है। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कार्यक्रम तय कर दिया है। उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान समेत सभी पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इसको देखते हुए भले ही कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अभी चुनाव की तारीख घोषित तिथि घोषित नहीं की गई है, लेकिन आज से औपाचारिक शुरुआत हो गई है।  राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के जारी कार्यक्रम से साफ है कि अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगले वर्ष ही हो सकते हैं। 29 दिसंबर को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन होने से पंचायत चुनाव अगले वर्ष फरवरी या मार्च में होने की उम्मीद जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि मौजूदा ग्राम प्रधानों का कार्यकाल इसी वर्ष 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों में प्रशासक तैनात किए जाएंगे। जिला पंचायतों में भी प्रशासकों का नियुक्त होना तय माना जा रहा है।  उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार के जारी आदेश के क्रम में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए एक अक्टूबर से मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू होगा। आज यानी 15 सितंबर से बीएलओ तथा पर्यवेक्षकों को काम बांटने के साथ स्टेशनरी वितरण का काम शुरू कर दिया गया है। यह दोनों काम 30 सितंबर तक खत्म कर लेने होंगे। इसके बाद एक अक्टूबर से 12 नवंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर गणना तथा सर्वेक्षण कार्य करेंगे। एक अक्टूबर से पांच नवंबर में मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने या फिर संशोधन का काम ऑनलाइन हो सकेगा। छह नवंबर से 12 नवंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर ऑनलाइन से प्राप्त आवेदन पत्रों की जांच करेंगे।