भारत में रविवार को एक दिन में सबसे अधिक 1,975 कोविड-19 के मामले सामने आए। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई देश की जनता लड़ रही है और इस महामारी से लड़ने का यह एकमात्र रास्ता है। प्रधानमंत्री का इस मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों से भी चर्चा होने की उम्मीद है। इस संकेत के बीच कि प्रधानमंत्री का सोमवार सुबह राज्यों के मुख्यमंत्रियों से तीसरे चरण के संवाद में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू 40 दिनों के लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने पर केंद्रित हो सकता है, मोदी ने लोगों से कहा कि वे इस बात को लेकर अति आत्मविश्वास में नहीं आएं कि कोरोना वायरस से वह संक्रमित नहीं होंगे क्योंकि उनका इलाका, घर या कार्यालय तक संक्रमण नही पहुंचा है। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ''मन की बात'' में मोदी ने कहा कि देश युद्ध बीच में खड़ा है। उन्होंने लोगों से आगे भी सतर्क रहने और एहतियात बरतने का आह्वान किया। उन्होंने दोहराया कि लोग स्वस्थ्य रहने के लिए दो गज दूरी की सलाह का अनुपालन करें। मोदी ने कहा, ''दो गज दूरी, बहुत है जरूरी।'' देश में 24 मार्च की मध्यरात्रि से लॉकडाउन लागू है। प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि बाद में जब भी दुनिया में संकट के बारे में चर्चा होगी तब भारत की जनता के नेतृत्व में महामारी के खिलाफ लड़ी गई इस लड़ाई पर भी चर्चा होगी। उन्होंने कहा, '' भारत की कोरोना वायरस के खिलाफ जनता के नेतृत्व में लड़ी गई लड़ाई है। इसमें जनता, सरकार, प्रशासन भी लड़ रहा है.. यही वह तरीका से जिससे वायरस पर जीत दर्ज की जा सकती है।'' प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 30 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने हिंदी की मशहूर कहावत '' सावधानी हटी, दुर्घटना घटी'' का भी संदर्भ दिया। उन्होंने कहा, '' मैं आह्वान करता हूं कि अति आत्मविश्वास नहीं करे। आप अति उत्साह में यह मत सोचे कि अबतक कोरोना वायरस आपके शहर, गांव, गली या कार्यालाय में नहीं आया है तो अब यह नहीं आएगा। कभी ऐसी गलती मत करिये। दुनिया का अनुभव इस बारे में बहुत कुछ कहता है।'' उधर स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देशभर में कोविड-19 से 47 और लोगों की मौतों के साथ अबतक इस संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या 826 तक पहुंच गई है।