भारत देश एक ऐसा देश जहां खुद आर्थिक तंगी के साथ अनेकों मुश्किलों का सामना कर रहा हर अगला व्यक्ति अपने पीछे चल रहे पीड़ितों की मदद करने को हमेशा आतुर रहता है तथा ऐसे मुश्किल हालात में अपने सामर्थ्य के अनुसार हर विपदा व आपदा के वक्त देश हित में अपना सब कुछ कुर्बान करने की चाहत रखता है ऐसा ही एक वाकया है दुल्लहपुर का जहां अमर उजाला के पत्रकार रमेश सोनी जिनके पास ईश्वर के साए को छोड़कर आर्थिक स्रोत का माध्यम पत्रकारिता और पेपर विक्रय के सिवा कुछ नहीं परंतु देश हित में कुछ कर गुजरने का जज्बा दिल में जरूर है इसी वानगी का एक उदाहरण आज देखने को मिला जब रमेश सोनी पत्रकार अमर उजाला ने पत्रकारिता में मिलने वाला ₹500 का मानदेय 6 महीने का जो कि 3000 होता है कोरोना पीड़ितों की मदद में देने के लिए अमर उजाला प्रेस के माध्यम से स्वेच्छा से दान में देने की अपील की है