वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए बड़े एलान किए। उन्होंने एक लाख 70 हजार करोड़ के आर्थिक पैकेज का एलान किया। किसानों, मनरेगा मजदूर, महिलाओं, पीएफ खाताधारकों, आदि को राहत दी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी गरीब भूखा ना रहे। स्वास्थ्य कर्मचारियों को मेडिकल इंश्योरेंस कवर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जो लोग इस जंग को लड़ रहे हैं, चिकित्सा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं उन्हें आगामी तीन माह तक 50 लाख का बीमा कवर दिया जाएगा। देश में 22 लाख स्वास्थ्य कर्मचारी और 12 लाख डॉक्टर्स हैं। 80 करोड़ गरीबों को राहत वित्त मंत्री ने बताया कि कोई गरीब भूखा न रहे, इसके लिए सरकार ने इंतजाम किए हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना यह सुनिश्चित करेगी की हर गरीब को खाना मिले। योजना के तहत पांच किलो अतिरिक्त गेहूं या चावल अगले तीन महीने तक मिलेगा। इसका फायदा 80 करोड़ लाभार्थी को मिलेगा। यह देश की दो तिहाई आबादी है। साथ ही एक किलो दाल का प्रावधान किया गया है। बता दें कि गरीबों को पांच किलो गेहूं या चावल पहले ही मिलता था। किसानों और बुजुर्गों को भी राहत अप्रैल के पहले हफ्ते में किसानों के खाते में 2000 रुपये की किस्त डाल दी जाएगी। देश के 8 करोड़ 70 लाख किसानों को इसका लाभ मिलेगा। बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को 1000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। ये अगले तीन महीने के लिए है। इसे दो किस्त में दिया जाएगा। इस वर्ग के लोगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया जाएगा। इससे लगभग 3 करोड़ लोगों को फायदा होगा। महिलाओं के लिए खुशखबरी उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ महिला लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। इन्हें तीन महीने तक मुफ्त सिलिंडर दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त अगले तीन महीने तक महिला जनधन खाताधारकों को प्रति माह 500 रुपये दिए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि इसका लाभ 20 करोड़ महिलाओं को होगा। दीनदयाल योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 20 लाख तक का लोन दिया जाएगा। पहले इनको 10 लाख तक का लोन दिया जाता था। मजदूरों के लिए भी बड़ा एलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि मनरेगा के तहत आने वाले मजदूरों की दिहाड़ी बढ़ा दी गई है। ये दिहाड़ी पहले 182 रुपये थी, जो अब 202 रुपये हो गई है। इससे पांच करोड़ परिवार को फायदा होने की उम्मीद है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर निर्माण क्षेत्र से जुड़े 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड वर्कर, जो लॉकडाउन की वजह से आर्थिक दिक्कतें झेल रहे हैं, उन्हें मदद दी जाएगी। इनके लिए 31000 करोड़ रुपये का फंड रखा गया है। संगठित क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण एलान संगठित क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण एलान किए गए हैं। अगले तीन महीने तक ईपीएफ में सरकार योगदान देगी। ईपीएफ का 12 फीसदी जो कर्मचारी देता है और 12 फीसदी जो कंपनी देती है, यह दोनों ही अगले तीन महीने तक सरकार देगी। लेकिन यह सिर्फ उन्हीं कंपनियों के लिए लागू होगा जहां 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारियों का वेतन 15 हजार रुपये से कम है। इसके अतिरिक्त पीएफ स्कीम रेगुलेशन में बदलाव कर नॉन रिफंडेबल एडवांस 75 फीसदी जमा रकम या तीन महीने के वेतन को निकालने की सुविधा भी दी जाएगी। राज्य सरकारों से अनुरोध आगे उन्होंने राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे जिला मिनरल फंड का इस्तेमाल मेडिकल स्क्रीनिंग, टेस्टिंग गतिविधि, कोरोना के बारे में जागरूकता अन्य कार्यों में करें, ताकि कोरोना से ज्यादा लोग प्रभावित ना हों।