गाजीपुर जनपद के दुल्लाहपुर क्षेत्र के जफरपुर डीहिया में कोरोना का दहशत उस वक्त फैल गया। जब अचानक सुबह लगभग 7:00 बजे 108 नंबर की एंबुलेंस गांव के ही रहने वाले छविनाथ चौहान पुत्र रामदरस चौहान उम्र 24 वर्ष को इलाज के लिए लेकर रवाना हुई ।मालूम हो कि छविनाथ चौहान और उनके पिता राम दरस चौहान दोनों राजकोट में करीब 10 वर्ष पहले से ही रह कर सेंटरिंग का कार्य करते थे । छविनाथ चौहान की अचानक तबियत बिगड़ने पर बीते शनिवार को घर ट्रेन से आये तबीयत उनकी खराब हुई तब परिजनों ने इलाज कराने के लिए झोलाछाप डॉक्टर के यहाँ जांच व इलाज दुल्लाहपुर में कराए।लेकिन 4 दिन बाद भी तबियत नहीं सही हुई । झोलाछाप डॉक्टर ने कोरोना की आशंका जताई । फिर दूसरे डॉक्टर को दिखाए तो डॉक्टर ने सलाह दिया कि जो इनकी हालत है वह तेज बुखार, बार-बार छींकना, रात से ही लगातार खांसी का आना यह सारे लक्षण कोरोना जैसे हैं और आप इन्हें सरकारी डॉक्टर को दिखाइए। परिजनों ने मंगलवार की सुबह 108 पर फोन करके एंबुलेंस बुलाया और आनन-फानन में जिला चिकित्सालय ले गए। जहां उनका जांच किया गया ।और उनके सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया है जहां डाक्टरों ने बताया कि इन्हें कोरोना नहीं है यह जल्द ही ठीक हो जायेगें तब जाकर लोगों नें राहत की सास ली । आप अन्य स्रोताओं से भी निवेदन है कि घबरायें नहीं किसी भी लक्षण के दिखाई देनें पर तुरन्त जिला चिकित्सालय में दिखाएं समय रहते जाँच व उचित इलाज हो सकता है कोरोना ही हुवा है इस गलत फहमी का शिकार न बनें न किसी को बनने दें इस बीमारी का फिलहाल बचाव ही इलाज है खुद सुरक्षित रह कर दूसरों को भी सुरक्षित रखें चिकित्सक की सलाह जरूर लें झोला छाप के चक्कर में न पड़ें नहीं तो बीमारी से कम भय से ज्यादा तबियत बिगड़ सकती हैं बगैर जाँच के कोई डिसीजन या नाम न लें नहीं तो पड़ सकता है भारी ।