उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी मेडिकल कालेजों में फीस निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बार जो निजी मेडिकल कालेज सरकार की निर्धारित फीस को नहीं मानेगा, उसका अनिवार्यता प्रमाणपत्र वापस ले लिया जाएगा। फीस निर्धारण की प्रक्रिया के तहत एमडी और एमएस के इस साल से पोस्टग्रेजुएट कोर्स शुरू करने वाले सात निजी मेडिकल कालेजों के फीस निर्धारित करने के लिए सुनवाई पूरी कर ली है। अब होली त्योहार के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग इन मेडिकल कालेजों की फीस निर्धारित करने के बारे में फैसला लेगा। विभाग ने इन सातों मेडिकल कालेजों के आय-व्यय का ब्योरा पहले ही मंगा लिया गया था। गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक की तर्ज पर फीस निर्धारण: उ.प्र.निजी व्यवसायिक शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश का विनियमन और फीस का नियतन ) अधिनियम-2006 के तहत इन मेडिकल कालेजों की शैक्षणिक शुल्क का निर्धारण किया जाएगा।