दिलदारनगर- ताडीघाट ब्रांच लाइन पर मंगलवार को इलेक्ट्रिक इंजन के साथ ट्रेन दौड़ाकर सफल ट्रायल किया गया। इससे यहां के लोगों में खुशी की लहर व्याप्त है। इस ट्रायल के दौरान इलेक्ट्रिक को दिलदारनगर जंक्शन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। वहां से करीब दो बजकर 52 मिनट पर चली यह गाड़ी तीन बजकर 45 मिनट पर ताड़ीघाट पहुंची। इस गाड़ी में पायलट बड़ो कुमार, एई टीआरडी बक्सर ललितेश्वर के साथ ही आरपीएफ के जवान मौजूद रहे। अधिकारियों की माने तो अब इस रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ाने का रास्ता भी साफ हो गया है। सैकडों वर्ष पहले ब्रिटिश हुकूमत ने अपने शासन काल में व्यापार की दृष्टिगत इन ब्रांच लाइन का निर्माण किया था। यहां ताडीघाट रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया। उस समय छोटी लाइन पर कोयला संचालित इंजन के सहारे ट्रेन का संचालन किया जाता रहा। बाद में इसका विकास होता गया और रेलवे ने इसे बड़ी लाइन में परिवर्तित किया। डीजल चालित इंजन की तीन बोगियो के सहारे ट्रेन का संचालन किया जाने लगा। बाद में इसे आठ बोगियों वाली कर दिया गया। 51 किमी ताडीघाट -मऊ रेल खंड के विस्तारीकरण को लेकर इस रूट को पूर्वोत्तर रेलवे से जोड़ना है। इस उद्देश्य से पिछले दिनों इस रूट के लिए करीब 18 करोड़ रूपये मंजूर किया गया। इसमें से करीब छह करोड़ की लागत से विद्युतीकरण के साथ ही अन्य शेष धनराशि से रेल पटरी रिमाडलिंग सहित नया रेल लाइन, प्लेटफार्म सुंदरीकरण एवं अन्य विभागीय कार्य हेतु आवंटित किया गया।