मौसम ने करवट ली और 1 दिन धूप का दीदार होने के बाद सर्दी का सितम वह किसी शर्मीली दुल्हन की भांति बादलों के घुंघट में भगवान भास्कर का छुप जाना और झांकना लोगों को अत्यधिक परेशान कर रहा है धूप छांव के खेलने आमजन को एक बार फिर अपनी मौजूदगी का एहसास करा दिया है यूं तो लगभग महीने भर से भगवान भास्कर ने बादलों का घुंघट ओढा था परंतु बुधवार और बृहस्पतिवार को भगवान भास्कर द्वारा बादलों का घूंघट उतार फेंकने से मौसम में कुछ परिवर्तन की उम्मीद आमजन के बीच जगी थी परंतु एक बार फिर उन्हीं बादलों का घुंघट ओढ़ लेने से ठंड में काफी इजाफा हो गया है किसान मायूस है की उत्तर भारत में पड़े ओले कहीं अपनी दूसरी पाली में पूरब में आमद दर्ज ना करा दें अन्यथा किसानों की फसलें बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएगी जिससे किसानों के खून व पसीने से कमाई जाने वाली फसल ओलावृष्टि में दफन हो जाएगी।