जखनिया तहसील के भुड़कुंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत सिसवार गांव निवासी एक व्यक्ति अपनी 4 साल की मृत बच्ची को 3 दिन से ईसा मसीह की किताब बायबिल को पढ़कर ईसा मसीह से जिंदा करने की प्रार्थना कर रहा है। हद तो तब हो गई जब पुलिस उसे समझाने पहुंची, तो पुलिस की भी एक न सुनी। जानकारी के अनुसार भुड़कुड़ा थाना क्षेत्र के सिसवार गांव निवासी अरविंद की 4 वर्षीय पुत्री गुरुवार की शाम पेट दर्द की शिकायत की, जिसके बाद परिजन उसे स्थानीय चिकित्सालय ले गए जहां से उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन परिजन को सांत्वना नहीं मिली तो वे लोग बच्ची के ननिहाल मऊ जिले के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के कारूबीर ले गए वहां पर 3 दिन से मृत बच्ची के शव को रखकर परिवार वाले प्रभु यीशु, यीशु की प्रार्थना कर रहे हैं कि बच्चे जिंदा हो जाएगी साथ ही लगातार तीन दिनों से बायबिल भी पढ़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि अरविंद बनवासी की 4 वर्षीय पुत्री महिमा गुरुवार की रात उल्टी व पेट दर्द से कराह रही थी। जिसके बाद उसे निकट के चिकित्सालय ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन मृत बच्ची का पिता अरविंद उसके शव को लेकर अपने ससुराल चला गया। परिवार वाले शव का दाह संस्कार करने के बजाए उसके ननिहाल कारुबीर लेकर गए। जहां पर जौनपुर के गुरुदायलपुर निवासी किसी राजेंद्र चौहान के कहने पर गांव के कुछ लोगों ने बच्ची के जिंदा होने का उसे भरोसा दिलाया। जिसके बाद से यह लोग एक मडई में बच्ची के शव को रखकर प्रार्थना करनी शुरू कर दी और बाइबल भी पढ़ने लगे। इस तरह की जानकारी एसपी को होने पर उन्होंने एसओ को मौके पर भेजा। एसओ ने परिवार वालों को काफी समझाया बुझाया लेकिन परिजन बच्ची के शव का दाह संस्कार करने के लिए तैयार नहीं हुए, साथ ही परिवार वालों ने यह कहा कि अगर बच्ची एक-दो दिन में जिंदा नहीं हुई तो हम शव का दाह संस्कार कर देंगे। इसके अलावा एसपी ने इस बाबत बताया कि शव को कब्जे में लेने के लिए जब एसओ को भेजा गया, तो उन लोगों की बात सुनकर एसओ का माथा झन्ना गया। कुछ बस्ती वालों ने दावा किया था कि इसी गांव की सरिता नाम की किशोरी को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। लेकिन प्रभु यीशु की प्रार्थना करने से वह जीवित हो गई। जो अब परिवार वालों के साथ रह रही है। वही बस्ती वालों का कहना है कि हम लोग पिछले 6 वर्षों से यीशु की प्रार्थना कर रहे हैं। साथ ही एसओ ने जौनपुर निवासी धर्मगुरु से मोबाइल पर बात की तो उन्होंने बताया कि मैंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। मरा हुआ व्यक्ति जीवित कैसे हो सकता है