यह खबर भी निकलकर आ रही है कि पर्वतीय इलाकों में आए दिन होने वाले हादसों पर अंकुश लगाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को और जटिल किया जा रहा है। लोगों को अब 'हिल ट्रैक' परीक्षा पास भी करनी होगी। यह व्यवस्था कुछ ही दिनों में लागू हो जाएगी। एआरटीओ प्रशासन अरविंद पांडे के मुताबिक वर्तमान में आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च यानी आईडीटीआर में एस फार्मेशन, समानांतर पार्किंग, बैक पार्किंग की परीक्षा देनी पड़ रही है। लेकिन पर्वतीय इलाकों में आए दिन होने वाले हादसों को रोकने के लिए अब हिल ट्रैक परीक्षा पास करनी ही होगी। इस परीक्षा के दौरान चालकों को पहाड़ों के ढलान, चढ़ाई के साथ ही घाटियों, खतरनाक मोड़ों पर गाड़ी चलाने की परीक्षा देनी होगी। इसमें पास होने के बाद ही आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा। एआरटीओ अरविंद पांडे का कहना है कि इस प्रक्रिया को लागू किए जाने के बाद महज उन्हीं चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जा सकेगा, जो वाकई में पर्वतीय इलाकों में गाड़ी चलाने में पारंगत हैं। ऐसा होने से पर्वतीय इलाकों में होने वाले हादसों को काफी हद तक रोका जा सकेगा।