गाजीपुर जनपद के अनेकों जगहों पर रावण के बड़े-बड़े पुतले प्रभु श्रीराम के अग्निबाण से पटाखों की आवाज के साथ जल गए और लोगों ने प्रभु श्रीराम द्वारा सत्य की असत्य पर विजय हासिल करने के उदघोष के साथ ही प्रभु श्री राम का जयकारा लगाए और लोगों ने रावण के जलने के साथ ही बुराई की अंत की कामना की इसी कड़ी में पौराणिक कथाओं को विशेष रूप देकर बनाई गई रावण की प्रतिमा कई सौ साल पहले से हर वर्ष जलालाबाद गांव के पोखरे के मेले में जलती है और आज भी बुराई के अंत के लिए प्रभु श्रीराम के अग्नि बाण के साथ अन्य सम्मानित लोगों ने रावण की बने पुतले को जलाने में साथ दिया ।