नमस्कार आदाब ससरिकाल श्रोताओं साप्ताहिक समाचार कार्यक्रम सारा जहाँ हमारा में आपका स्वागत है 2030 तक भारत में 4 करोड़ 40 लाख पुरुषों की और एक करोड़ 20 लाख महिलाओं की नौकरी चली जाएगी मैककिंसी ग्लोबल इंस्टीट्यूट के एक अध्ययन में पाया गया है कि कंपनियों में रोबोट के बढ़ते इस्तेमाल के कारण 2030 तक भारत में एक करोड़ 20 लाख महिलाओं की नौकरी चली जाएगी, जबकि पुरुषों के बारे में अनुमान लगाया गया है कि 4 करोड़ 40लाख पुरुषों की नौकरियां ख़त्म हो जाएंगी।ऑटोमेशन की जवह से भविष्य में महिलाओं की नौकरी पर क्या असर पड़ेगा। बेरोज़गारी ने 45 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा इस बारे में 10 देशों में ये सर्वे कराया गया था,सर्वे के अनुसार, भारत में खेती, वन, मछली पकड़ने, परिवहन और वेयरहाउसिंग में ऑटोमेशन के कारण महिलाओं की नौकरियां कम होंगी। इसमें नौकरी पाने की क़तार में लगे लोगों को अपना हुनर और शिक्षा दोनों को बढ़ाना होगा। इस समय भारत की अर्थव्यवस्था डगमग है और जो रिपोर्टें आ रही हैं उससे पता चल रहा है कि इस समय बेरोज़गारी ने 45 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है जबकि रोज़गार में महिलाओँ की भागीदारी 27% के निचले स्तर पर बनी हुई है। ऑटोमेशन पूरी दुनिया में रोज़गार के लिए ख़तरा बन गया है और दुनिया के कई देशों में ट्रेड यूनियनों ने काम के घंटे कम करने की मांग करने लगी हैं। कंपनी में रोबोट के अधिक इस्तेमाल से मज़दूरों के अधिकाधिक बेरोज़ग़ार ऑटोमेशन का सबसे बड़ा असर मैन्युफ़ैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र में पड़ने वाला है। इसे लेकर कंपनियां और सरकारें भी चिंतित हैं क्योंकि रोबोट के अधिकाधिक इस्तेमाल से मज़दूरों के अधिकाधिक बेरोज़ग़ार होने की आशंका बढ़ती जा रही है। ये सर्वे विकसित देशों कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन और अमरीका जबकि विकासशील देशों चीन, भारत, मैक्सिको और दक्षिण अफ़्रीका में किए गए। इन 10 देशें की आबादी पूरी दुनिया की आधी है और इऩ देशों की जीडीपी पूरी दुनिया के मुकाबले 60% है। 30 लाख महिलाओं की नौकरी जाएगी सर्वे के मुताबिक खेती, वन और मछली पालन में 40 लाख महिलाओं की नौकरी जाएगी। हस्तशिल्प और इससे जुड़े व्यापार में 30 लाख महिलाओं की नौकरी जाएगी और अन्य कारोबार में जुड़ी 20 लाख महिलाएं बेरोज़गार हो जाएंगी। विडंबना है कि जो नई नौकरियां पैदा होंगी वो मैन्युफ़ैक्चरिंग, इमारत निर्माण में और स्वास्थ्य सेवाओं में होंगी क्योंकि खेती की हिस्सेदारी घटेगी। मैककिंसी के मुताबिक, भारत में 10 लाख से एक करोड़ 10 लाख महिलाओं को अपने कौशल में निखार लाने की ज़रूरत है। यानी उन्हें खेती से अलग ग़ैर खेती वाले व्यवसायों में जाना होगा। तो श्रोताओं यदि आप भी रोबोटिक टेक्नोलॉजी के साथ काम कर रहें हैं और पूँजीवादी युग में पूँजी की समस्या से झूझ रहें हैं और अपनी कोई प्रतिक्रिया देना चाहते हैं तो दबाएँ नंबर 3 और अगर यह खबर आपको पसंद आई है तो दबाएँ नंबर 5 साथ ही सुनते रहें साँझा मंच मज़दूरों का अपना मीडिया चैनेल।