शहरों में ऑफिस दोबारा खोले जा रहे हैं लेकिन फिर भी यहां से जो छोटे—मोटे ठेले, पान की दुकानें गायब हुईं हैं वो अब भी खाली हैं. ट्रेनों में यात्रियों की भीड है पर इस भीड़ में चने—मूंगफली बेचने वाले नही हैं. क्या सोचा है आपने कि वे सब कहां गए? वे लोग जो गांव से निकलकर शहर आए थे और छोटा—मोटा रोजगार कर अपना और परिवार का पेट पाल रहे थे आखिर वे गए कहां? क्यों लॉकडाउन खुलने के बाद भी वे वापिस नहीं आए? आखिर क्या हुआ उनका? सरकार ने कोरोना राहत पैकेज के तहत स्वरोजगार करने वालों को बिना ब्याज के लोन सुविधा देने का एलान किया लेकिन फिर भी बहुत से लोग खुद को वापिस खड़ा नहीं कर पाए हैं? क्या ऐसा इसलिए है कि लोन लेने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि उन पर पहले से ही कर्ज बहुत ज्यादा है? क्या अब शहरों में इन छोटे रोजगार करने वालों की जरूर खत्म हो गई है? क्या शहरों की होटलों, ढाबों या दूसरे छोटे संस्थानों में मजदूरों की मांग कम हो गई है? अगर ऐसा है तो यहां काम करने वाले पुराने मजदूर अब कहां हैं? वे कैसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं? अगर आप ऐसे किन्ही मजदूरों के बारे में जानते हैं तो हमें उनकी स्थिति के बारे में जरूर बताएं. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3

सा​थियों, परेशानी ये है कि कंपनियां मजदूरों को हवाई जहाज कि टिकिट देकर काम पर तो बुला चुकी हैं पर उनके टीकाकरण की व्यवस्था नहीं कर रहीं हैं. ऐसे में जो लोग अपने गांव से महानगर पहुंच चुके हैं वे बिना टीके के ही रोजगार तलाश रहे हैं और उन्हें काम नहीं मिल रहा है. कम वेतन दिया जाना, स्टॉफ की कटौती करना और नए रोजगार के अवसरों को अस्थाई रूप से बंद कर देने जैसी चुनौतियां अलग हैं. दोस्तों, हमें बताएं कि अगर आपको पहले की तरह काम नहीं मिल पा रहा है तो इसकी क्या वजह है? क्या कंपनी और कारखानों के संचालक ज्यादा नियुक्तियां नहीं करना चाहते? क्या वे पहले की अपेक्षा कम वेतन दे रहे हैं और क्या आपको कम वेतन पर काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है? क्या काम मांगने के लिए लिखित आवेदन देने के 15 दिन बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ? क्या मनरेगा अधिकारी बारिश या कोविड का बहाना करके काम देने या किए गए काम का भुगतान करने में आनाकानी कर रहे हैं? दोस्तों, अपनी बात हम तक पहुंचाएं ताकि हम उसे उन लोगों तक पहुंचा सकें जो आपकी समस्या का समाधान कर सकते हैं. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

भारतीय जनता पार्टी ने 22 अगस्त को एक इन्फ़ोग्राफ़िक ट्वीट किया जिसमें 2020 के लिए 9 देशों की जीडीपी वृद्धि का अनुमान सूचित है– भारत, चीन, अमरीका, जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन, जापान, ब्रिटेन और कनाडा. इस आंकड़े का स्रोत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष बताया गया है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

तमिलनाडु राज्य के इरोड ज़िले की ईस्ट मैन कंपनी के आस-पास शाम रोज़ की तरह सूरज के डूबने का इंतज़ार कर रही थी. अंधेरा उन मज़दूर-बस्तियों को रोशन कर रहा था. मानो दिन भर फैक्ट्रीयों में मेनहत जलती है और फिर शाम का गहरा अँधेरा सिमट आता है। कुछ ही वक़्त गुज़रा था कि मजदूरों की बस्तियों में तकनीक और मोबाइल के माध्यम से मज़दूरों की आवाज़ उठाने वाले कुछ सामुदायिक मीडिया मज़दूर नज़र आने लगे थे और उनके हाथों में कुछ पर्चे थे जिस पर एक मोबाईल नम्बर था। दलाल और ठेकेदारों की नज़र बस्तियों में आने-जाने वाले हर इंसान पर थी। बस्ती की पूरी कहानी को जानने के लिए इस ऑडियो पर क्लिक करें।

रफ़ी की डायरी कार्यक्रम की कड़ी संख्या में आप सुनेंगे की किस तरह कोरोना काल में मजदूरों का काम के खिलाफ़ आन्दोलन। खबर को विस्तार पूर्वक सुनने के लिए ऑडियो पर करें क्लिक शुक्रिया,धन्यवाद।

रफ़ी की डायरी कार्यक्रम की कड़ी संख्या 15 में आप सुनेंगे क्या सियासत तंत्र, दबंग नेताओं के बल पर पूँजी तन्त्र को सस्ते और खपते मज़दूर मुहैया करा पायेगा? खबर को विस्तार पूर्वक सुनने के लिए ऑडियो पर करें क्लिक शुक्रिया,धन्यवाद।

रफ़ी की डायरी कार्यक्रम में आप सुनेंगे कि रफ़ी जी आज कुछ खोये खोये से बैठे हैं ,लेकिन क्यों ? ये सुनने के लिए एवं खबर को विस्तार पूर्वक सुनने के लिए ऑडियो पर करें क्लिक शुक्रिया,धन्यवाद।

रफ़ी की डायरी कार्यक्रम में आप सुनेंगे की किस तरह पूरा भारत देश कोरोना का रोना रो रहा है। खबर को विस्तार पूर्वक सुनने के लिए ऑडियो पर करें क्लिक शुक्रिया,धन्यवाद।

साथियों, इस लॉक डाउन की स्थिति में कई किसान भाइयों ने अपनी समस्याओं का खुलासा किया है। क्या आपको भी लॉक डाउन के कारण तरह-तरफ की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अपनी बात हम तक जरूर पहुचाएं। साथ ही यदि आप अपनी परेशानियों से निपटने का कोई उपाय ढूंढ निकाला है तो बाकी किसान भाइयों को जरूर बताएं।

ईरान के तेहरान में यूक्रेन का एक विमान हादसे का शिकार हो गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यूक्रेन के विमान बोइंग-737 में क्रू मेंबर्स समेत कुल 180 लोग सवार थे।सभी यात्रियों की तलाश जारी है। ये हादसा सुबह 9 बजे राजधानी तेहरान स्थित इमाम खुमैनी एयरपोर्ट के पास हुआ।इस विमान ने तेहरान से उड़ान भरी थी और कीएफ जा रहा था।कीएफ यूक्रेन की राजधानी है।7900 फीट की ऊंचाई पर ये विमान क्रैश हो गया। टेकऑफ के बाद ही बोइंग 737 में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कुछ देर बाद ही ये क्रैश हो गया।फिलहाल, राहत और बचाव कार्य शुरू हो गया है। इतना बड़ा हादसा बहुत बड़ी लापरवाही को दर्शाता है आखिर कैसे टेकऑफ होते ही विमान में खराबी आई । क्या उड़ान के पहले विमान की जाँच नहीं की गई थी,अगर की गई थी फिर ये हादसा कैसे हुआ। और इस हादसे का जिम्मेदार किसे समझा जाये।श्रोताओं इस विषय पर आपकी क्या राय है हमारे साथ बाँटे अपने फोन में नम्बर 3 दबा कर और अगर यह खबर पसंद आई तो लाईक का बटन जरूर दबायें।