जिला मधुबनी से रामाशीष सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की खजौली प्रखंड मुख्यालय में 10-15 वर्षो में पशु चिकित्सालय कहा है स्थानीय 90 प्रतिशत जनता को इसकी जानकारी नहीं है। वर्षो पूर्व इस चिकित्सालय को पूर्व के स्थान से स्थानांतरित करके सांसद भवन से उद्योग भवन मनरेगा में स्थानांतरित कर दिया गया। यहा ना कभी पशु चिकित्सक रहता है और ना कम्पाउंडर रहता है। दवाएं भी नहीं रहती दवाएं कालाबाजारी में बेच दी जाती है। इस कारण क्षेत्र के पशुपालकों को काफी कठिनाई होती है।
