निधि राज मधुबनी से बिहार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है जहाँ स्त्रियो की पूजा होती है वँहा देवताओ का वास होता है। नारियो को गृह लक्ष्मी कहा जाता है प्राचीन समय में नारी शिक्षा पर बल दिया जाता है परन्तु मध्य काल में स्त्रियो की स्तिथि दयनीय हो गयी और उसका जीवन चार दीवारो में सिमित रह गया।स्त्री-पुरुष जीवन रूपी रथ के दो पहिये है इसलिए पुरुष के साथ-साथ स्त्रियो का शिक्षित होना भी जरुरी है। माता अगर शिक्षित हो तो बच्चे भी शिक्षित होँगे। नारियो के वो आर्थिक रूप से से मज़बूत होगी परिवार को सहायता भी करेगी एक आदर्श परिवार में नारियाँ शिक्षित होती है। नारियो का योगदान जीवन