हाय रे गरीबी... यू ही लाखों बचपन गुजर जाती है बाल मजदूरी में। इन लाखों नौनिहालों की जिन्दगी बर्बाद हो जाती है गरीबी, महंगी निजी शिक्षा और सरकार की अव्यवस्थित शिक्षा, शिक्षक व व्यवस्था के कारण.