जिला श्रम विभाग ने बाल मजदूरी पर अंकुश लगाने के लिए कमर कस लिया है। इसी क्रम में श्रम अधीक्षक के नेतृत्व में नगर और आसपास के क्षेत्रों में सघन जांच अभियान चलाया गया। जिला श्रम अधीक्षक सत्यप्रकाश ने बताया कि जांच के क्रम में कुल पांच प्रतिष्ठानों क्रमश पकड़ीदयाल के मां काजल रेडिमेड से एक बाल श्रमिक, कोजी स्वीट्स से दो,मोतिहारी के महालक्ष्मी वस्त्रत्तलय एवं मिलन वस्त्रत्तलय से एक-एक बाल श्रमिक तथा ज्वेलर्स की एक दुकान से दो बाल श्रमिकों सहित कुल सात बाल श्रमिकों को धावा दल की टीम के द्वारा विमुक्त कराया गया। नियोजकों के खिलाफ बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं जबकि सभी विमुक्त सात बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थापित कर उन्हें बाल गृह में रखा गया है। विशेष धावा दल की टीम में प्रभारी सदर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सरफराज अहमद खान व पकड़ीदयाल के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी प्रत्यूष सहित केसरिया के सुरेंद्र कुमार, प्रयास संस्था से विजय कुमार शर्मा, चाइल्ड लाइन से मधु कुमारी, डंकन हॉस्पिटल रक्सौल से संदीप कुमार चौरसिया तथा पुलिस लाइन के दस पुलिस कर्मी एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम शामिल थी।