बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बिहार के पटना हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने आज बडत्रा फैसला लेते हुए तमाम जिला अदालतों में हुई चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्तियो को रद्द करने का फरमान सुनाया है। बता दे कि इन नियुक्तियों में नई नियमावली का पालन नहीं किया गया था। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन एवं न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने आज यह फसला सुनाया।कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अवैध नियुक्तियां न्यायपालिका के लिए बड़ा धक्का है। कोर्ट ने कहा कि न्यायपालिका एवं अदालतें गलत कार्यों को रोकती है लेकिन नाक के नीचे संदेहास्पद रूप से चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है।बता दे कि हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद जहां-जहां भी नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी अथवा मेरिट लिस्ट तैयार कर लिया गया लेकिन योगदान नहीं लिया गया था, वे सारी नियुक्तियां अब रद कर दी गई हैं। 8 जिलों में चल रही थी नियुक्ति प्रक्रिया:- नई नियमावली 23 मई 2017 को अस्तित्व में आई। इसके बाद से जहां कहीं भी केवल इंटरव्यू के आधार पर नियुक्ति हुई, उसे अवैध समझा जाएगा। इसमें पटना, दरभंगा, औरंगाबाद, जहानाबाद, समस्तीपुर, पश्चिमी चंपारण, जमुई एवं सीमामढ़ी जिले आते हें।