बिहार के मधुबनी जिले में स्थित वाटसन उच्च विद्यालय के शिक्षक अब्बू हरैरा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बिहार सरकार द्वारा चलाया जा रहा बाल विवाह एवं दहेज़ प्रथा के खिलाफ अभियान के विषय में कहते कि राज्य में इस तरह के तहरीक का पहले से ही जरुरत रही है और आज भी है।सरकार द्वारा उठाई गई यह एक बेहतरीन कदम है लेकिन सरकार की यह पहल उस वक्त तक कामयाब नहीं हो सकता है जब तक आम लोग इस अभियान से नहीं जुड़ेंगे। अगर बात की जाये बेटियों की तो ये पुरानी बात है कि हर ज़माने में किसी न किसी तरह से बेटियों को जुल्म सहना पड़ा है।और आज भी हमारे समाज में बेटियां तेहरी मार बर्दास्त कर रही हैं। एक तो बेटियों को जन्म लेने से पहले ही मार दिया जाता है , दूसरी ओर जब बेटियां जन्म लेती हैं , तो सिर्फ घर के काम काज के लिए ही होती हैं उन्हें पढ़ाया नहीं जाता है।और जब बेटियों की शादी करनी होती है, तो बिना दहेज़ के वे अपनी बेटियों की शादी नहीं कर पाते हैं। अत: लोगों को ये समझना होगा की बेटियां किसी भी तरह से बेटों से कम नहीं होती हैं।और जिस तरह से लोग अपने बेटों को पढ़ाते हैं उसी तरह से अपनी बेटियों को भी शिक्षा दे।