आदिवासी समुदाय के महिला पुरुष सुबह होते ही जंगलों की ओर चले जाते हैं और जंगल से सूखी लकड़ी और शकुनि का पत्ता ला करके वह पत्तल बनाती है और अपने नजदीकी बाजार में जाकर बेचती है जिससे उसका गुजर बसर हो रहा जबकि सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं लेकिन इन योजनाओं का लाभ आदिवासी समुदाय तक नहीं पहुंच रहा है