त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हर वर्ष प्रत्याशी के जवाब में मतदाता रहा करता था लेकिन इस बार मतदाता के दबाव में प्रत्याशी नजर आ रहा है हर प्रत्याशी को सबक सिखाने के लिए मतदाता तैयार है और यही कारण है कि अभी तक मतदाता किसी भी प्रत्याशी को यह स्पष्ट नहीं कर सका है कि वह उसे पंचायत का जनप्रतिनिधि बनाएगा हर व्यक्ति प्रथम चरण एवं द्वितीय चरण के परिणामों को देख रहा है और वह मन ही मन यह सोच रहा है कि गरीब का बेटा गरीब का बहु गरीब की मां भी पंचायत का जनप्रतिनिधि हो और आने वाले चुनाव में शायद यह करिश्मा दिखाई भी दे सकता है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।