साथियों, आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर देश में उत्सव सा माहौल बन रहा है, हालांकि चुनाव आयोग की सख्ती ने काफी कुछ काबू कर रखा है लेकिन प्रत्याशी अपनी ओर से जनता को लुभाने की तमाम कोशिशें करते नजर आ रहे हैं. कोई अपनी उपब्धियां गिना रहा है तो कोई सत्ताधारी की खामियां... इन दिनों चाय के ठियों से लेकर, एसी ऑफिस.. सरकारी दफ्तरों से लेकर बस स्टॉप तक, हर जगह चुनाव की ही चर्चा हो रही है. वैसे ऐसा होना लाजमी भी है, क्योंकि चुनाव केवल प्रत्याशी के लिए ही अहम नहीं है बल्कि देश की जनता के लिए भी निर्णयाक दौर है. हर कोई एक—दूसरे से सवाल कर रहा है कि— आप किसे वोट देंगे? खैर जनता किसी को भी अपना नेता चुने, लेकिन वे इस बात पर गौर जरूर करते हैं कि उसकी छवि कैसी है? या फिर उसने जनता के लिए क्या किया है? हालांकि एक आम मतदाता अपने आसपास से मिली सूचनाओं और धारणाओं के आधार पर वोट देने के लिए ख़ुद को तैयार करता है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के बाद यह साफ हो गया है कि जनता अपने हक, अधिकार और जरूरतों को अहमियत देने लगी है. लेकिन हम आपसे जानना चाहते हैं कि इस बार लोकसभा चुनाव में आप किन मुद्दों को अहमियत देने वाले हैं? क्या आप अपने क्षेत्र की वर्तमान सरकार या सांसद के काम से खुश हैं? या फिर किसी नए प्रत्याशी के नाम पर विश्वास जताने वाले हैं? इसके साथ ही हमें यह भी बताएं कि आप मतदान करने से पहले किस तरह अपने प्रत्याशी को परखते हैं? साथियों, मोबाइल वाणी आम आदमी की आवाज उठाता है, इसलिए हमारे साथ अपनी आवाज बुलंद कीजिए और चुनाव के मसले पर खुलकर विचार रखिए.