बिहार राज्य के जमुई जिला के सिकन्दरा प्रखंड से विजय कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है ,कि जब कोई माँ अपने बच्चे को जन्म देती है, तो उसके लिए बड़े-बड़े सपने संजोते है।अपितु उस सपने को साकार करने वाला शिक्षक ही होता है।बच्चों का भविष्य शिक्षक रूपी शिल्पकार के हाँथो में ही तैयार होता है। प्राचीन काल में गुरुकुल परम्परा थी। जिसमें माता -पिता बच्चे को सिर्फ जन्म देती थी। बच्चे उन्ही के कुटिया में भविष्य को निखारते थे साथ ही गुरु को अपने दीक्षा के बदले में यथा शक्ति दक्षिण मिलता था।उसी में वे खुश रहते थे।समय बदला और आधुनिक युग में गुरूओं का भी रूप बदला।शिक्षकों को अब दक्षिण से काम नहीं चलता है, वे अब मोठे पैसे की ख़्वाहिश रखते है।