बिहार के जिला सिकंदरा जमुई से विजय कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पिछले दिनों तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों से परीक्षा पर चर्चा करते हुए माननीय प्रधान मंत्री ने कहा कि मार्क्स जिंदगी नहीं होती ,तथा किसी बच्चे की योग्यता-क्षमता और बुद्धिमत्ता का पैमाना महज अंकों का प्रतिशत नहीं होता ,क्योंकि हर बच्चे के पास अपनी-अपनी प्रतिभा होती है। भीतर छुपी उन्ही क्षमताओं को जगाना चाहिए। प्रधानमंत्री के बातों का महत्व इसलिए ज्यादा है क्योंकि बोर्ड परीक्षाओं में 95 % से 100 % हासिल करने की अंधी दौड़ मची हुई है। साथ ही 95% से कम अंक पाने वाले छात्र औसत कहलाने लगे हैं। कई बार विद्यार्थी परीक्षा में अपनी उम्मीदों से कम अंक आने पर निराश तथा हताश हो जाते हैं और अपनी जिंदगी दाव पर लगा देते हैं। दुर्भाग्य से हमारे देश में अच्छे अंक लेन की मानसिकता बनी हुई है,जबकि वास्तविकता में ज्ञान का अंकों से कोई खास लेना-देना नहीं होता है।