बिहार राज्य के जमुई जिला से विजय कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी साझा करते हुए कहते हैं कि हमारा देश सिर्फ कहने के लिए लोकतान्त्रिक है।भुखमरी ,गरीबी ,बीमारी , सामंतवादी व्यवस्था का ही दुष्परिणाम है।हमारे देश की दुर्दशा तो यह है कि मतदान भी जाति,भाषा,क्षेत्र के आधार पर दिए जाते हैं।चुनाव नीतियों और दलों के बीच ना हो कर जाति धर्म विशेष के बीच होता है।यहाँ के बच्चे का जन्म होते ही यह तय हो जाता है कि वह भविष्य में वह किस दाल को अपना मत देगा।यह वैसा लोकतंत्र हैं जहाँ पर लोक का प्रतिनिधित्व होता है ,जनता की बात समझी जाती हो या उनके समस्याओं का समाधान होता है।वर्तमान समय में हमारे देश में जो लोकतंत्र है,उसे धर्मतंत्र,बाहुबलतन्त्र ,धनतंत्र कहा जा सकता है