बिहार राज्य के जमुई जिला सिकंदरा प्रखंड से विजय कुमार मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं कि डॉक्टर अपने जिम्मेदारियों से विमुख हो रहे हैं,जिनका खामियाजा गरीबों और ग्रामीणों को उठाना पड़ता है।पंचायत एवं अंचल स्तरों के स्वास्थ्य केंद्रों पर जाँच मशीनों और दवाओं की कमी तो है ही,इसके अलावा जरूरत पड़ने पर यहाँ चिकित्सक भी नहीं मिलते हैं।इन अस्पतालों में कभी भी चिकित्सक समय पर नहीं आते है।जिसके कारण लोगों को मज़बूरी में झाड़-फूँक वाले ओझा या झोला छाप डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है।जो मरीजों से ईलाज के नाम पर आवश्यक पैसे वसूलते हैं।इनके लिए हर बार शहर जा कर ईलाज करवाना संभव भी तो नहीं हो पाता है।शहरों के डॉक्टर भी बेवजह के जाँच लिख कर ख़ास पैथोलॉजी में जाँच करांने की सलाह दे देते हैं।जिससे मरीजों को ख़ासा समस्याओं का सामना करना पड़ता है।